मनरेगा बजट में कटौती पर ने भाजपा को बताया मजदूर विरोधी इस बार मनरेगा का बजट 89400 करोड़ रुपये से घटाकर 60000 करोड़ रुपये कर दिया गया यह भाजपा का मजदूर विरोधी चरित्र है मुख्यमंत्री भूपेश बघेल

रायपुर/केंद्रीय बजट को लेकर छत्तीसगढ़ में राजनीति जारी है। शनिवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार पर इंटरनेट मीडिया के जरिए निशाना साधा। उन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना(मनरेगा) के बजट में कटौती पर तीखी प्रतिक्रिया दी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट करके भाजपा को मजदूर विरोधी करार दिया।
मुख्यमंत्री ने ट्वीटर पर लिखा कि जब कोरोना के रूप में मानवता का बड़ा संकट आया तब मनरेगा जैसी योजना मजदूरों का संबल बनी, उनकी रीढ़ बनी। इस बार मनरेगा का बजट 89,400 करोड़ रुपये से घटाकर 60,000 करोड़ रुपये कर दिया गया। यह भाजपा का मजदूर विरोधी चरित्र है, जो गरीबों के मुंह से निवाला छीनकर पूंजीपतियों को देते हैं।
एक दिन पहले मुख्यमंत्री ने केंद्रीय बजट को अमृतकाल का मृत बजट बताया था। उन्होंने लिखा था कि अमृत बजट को समझने के लिए कुछ तथ्य आपके साथ साझा कर रहा हूं। यह केंद्रीय बजट 2023-24 किसान, मजदूर, निम्न वर्ग के लिए सिर्फ निराशा का एक और बूस्टर डोज है। इसके पहले मुख्यमंत्री ने बजट पर टिप्पणी करते हुए इसे वित्त मंत्री निर्मला जी का निर्मम बजट भी बताया था।
अपने वादों को निभाएं भूपेश: मूणत
पूर्व मंत्री व भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने मुख्यमंत्री के बयान पर पलटवार किया है। मूणत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर पा रही है। चार वर्ष पहले बेरोजगारों को बेरोजगारी भत्ता देने की बात की थी। कब मिलेगा पता नहीं। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, मितानिनों, अनियमित कर्मियों को नियमित करने का वादा किया था। अपने वादों को पहले निभाएं। प्रदेश में शराबबंदी की बात की थी, कब करेंगे यह बताएं। केंद्रीय बजट में मोदी जी ने जो करना था वह कर दिया। मुख्यमंत्री अपने बजट में क्या देंगे। जरा अपने बजट की चिंता कर लें।